सामान्य परिचय

’गुर्जर समाज’ देश की आन-बान एवं शान की मिशाल रहा है और देश की आजादी में इस कौम का बहुत बड़ा योगदान था, किन्तु आजादी के बाद गुर्जर जाति में शिक्षा का अनुकरण नही हुआ, जिसके कारण यह कौम दिन-प्रतिदिन पिछड़़ कर राष्ट्रीय धारा से अलग-थलग हो गयी। गुर्जर समाज की स्थिति का वर्ष 2007 में चौपड़़ा आयोग ने सर्वे किया था, उस रिपोर्ट के निष्कर्ष में लिखा गया है कि “प्रदेश में विकास के छः दशक से अधिक समय के उपरान्त भी गुर्जर समुदाय की बस्तियों में आजतक विकास की एक भी किरण नहीं दिखाई देती है और राजस्थान की गुर्जर जाति की बस्तियों में आज भी गरीबी (निरीहता), दरिद्रता (हताशा) और दीनता के टापू बनी हुई हैं। इस समुदाय की यह उपेक्षा निश्चित रूप से अस्वीकार्य है और इसके तुरन्त समाधान की आवश्यकता है। (चोपड़ा कमेटी रिपोर्ट 2007 पृष्ठ संख्या 182)

उक्त रिपोर्ट के आधार पर अब तक की सरकारों ने हमारी जाति के उत्थान के लिए विभिन्न कार्यक्रम चलाये हैं, किन्तु उन कार्यक्रमों के अभी तक अपेक्षित परिणाम हमें नहीं मिले हैं।

यह सर्वविदित है कि किसी भी समाज की गरीबी एवं दरिद्रता को दूर करने की शिक्षा ही एक अचूक दवा है, जिसके माध्यम से समाज के बच्चे पढकर स्वयं का तो उत्थान करते ही हैं, साथ ही वे समाज के तारणहार भी बनते हैं, जो हमारे समानान्तर अन्य कृषिरत समाजों के उदाहरणों से स्पष्ट है। जाट समाज में श्री केशवानन्द एवं सर छोटूराम, माली समाज में ज्योतिबा फुले एवं मीणा समाज में कैप्टन छुट्टन लाल जैसे अग्रदूतों ने समय रहते हुए शिक्षा का बिगुल बजाया तो ये समाज बहुत आगे निकल गये हैं।

हमें भी बिना देरी किये समाज के होनहार बालक-बालिकाओं को शिक्षा एवं नौकरी हेतु प्रोत्साहित करना होगा, जिसके लिए प्रदेश के नौकरी पेशा वाले समूह ने (यह ग्रुप किसी भी समाज का चक्षु होता है) गुर्जर कर्मचारी अधिकारी कल्याण परिषद् राजस्थान का गठन कर अपने स्वयं के हितों की रक्षा को ध्यान में रखते हुए समाज के बालक-बालिकाओं की पढाई की व्यवस्था हेतु गुर्जर शिक्षा ज्योति नाम के फाउन्डेशन का शुभारम्भ किया है, जिसके द्वारा समाज में शिक्षा की लहर फैलाने का एक सटीक प्रयास किया जायेगा। इसके लिए परिषद् ने एक वर्षीय, पांच वर्षीय एवं दस वर्षीय कार्य योजना बनाकर कार्य शुरू कर दिया है, जिसके लिए वित्तीय प्रावधान एवं प्रबन्धन निम्नानुसार किया जायेगा:-

Ø वित्तीय प्रबन्धन: परिषद् के वित्तीय कोष के लिए निम्नलिखित प्रावधान किये गये –

ü  केन्द्र/राज्य सरकार एवं गैर सरकारी संस्थानों में नियुक्त/सेवानिवृत राजस्थान के समस्त गुर्जर कर्मचारी-अधिकारीगणों तथा गुर्जर समाज के प्रत्येक सक्षम परिवार से यह अपेक्षा है कि वे प्रतिदिन न्यूनतम 1 रूपया अनुदान अनिवार्य रूप से देंगे अर्थात् न्यूनतम 365 रूपये वार्षिक राशि ’’गुर्जर कर्मचारी अधिकारी कल्याण परिषद्’’ के खाते में जमा करायेंगे।

ü  समाज के मेलों, उत्सवों एवं देव नारायण मन्दिरों में एक शिक्षा हेतु दानपात्र रखवाया जायेगा जिसमें शिक्षा हेतु लोग दान चढ़ा सकेंगे, जो परिषद् के खाते में जमा होंगे, जिनका व्यवस्थापन सम्बन्धित जिला अध्यक्ष व ब्लाक अध्यक्ष करेंगे।

ü  परिषद् समाज के शादी समारोहों /धार्मिक आयोजनों को भी शिक्षा समारोहों में बदलने का प्रयास करेगा। पैरावणी, भात, पेज, कथा, सप्ताह जैसे आयोजनों के समय भी गुर्जर शिक्षा ज्योति के लिए दान की प्रवृति को प्रोत्साहित किया जायेगा।

ü  कर्मचारी अधिकारीगण व समाज के भामाशाओं द्वारा जन्मदिन व शादी की वर्षगांठ जैसे आयोजनों पर भी उक्त कोष में राशि डालने की प्रवृति को प्रोत्साहित किया जायेगा।

 

Ø  वित्तीय प्रावधान:- परिषद् के अनुदान को बढ़ाने व व्यवस्थित रखने के लिए निचले स्तर पर क्षेत्रीय शिक्षा दूत व प्रदेश स्तर पर नियमित कर्मचारी रखने का निर्णय लिया गया है, जिससे परिषद् के कार्यो को गति दी जा सकेगी। क्षेत्रीय शिक्षा दूत, परिषद् के अन्तिम छोर पर कार्य करने वाला परिषद् का कार्यकर्ता होगा, जिसे प्रति ग्राम पंचायत वार तीस कर्मचारियों की लिस्ट प्रदान की जायेगी, जिनके द्वारा नियमित दान राशि संग्रहण व क्षैत्र में प्रतिभाओं को अपेक्षित सहयोग सुनिश्चित किया/करवाया जायेगा।

यहां यह भी उल्लेखनीय है कि “गुर्जर कर्मचारी अधिकारी कल्याण परिषद् राजस्थान“ को दिए गए दान पर आयकर अधिनियम अन्तर्गत धारा 12ए तथा 80जी के अन्तर्गत आयकर में भी छूट का प्रावधान भी करवाया गया है ताकि समाज के सक्षम अधिकाधिक शिक्षा दान हेतु प्रोत्साहित हो सकें।

ü परिषद् की राशि को सुरक्षित व पारदर्शी रखने के लिए राज्य स्तर पर दो खाते 1. गुर्जर कर्मचारी अधिकारी कल्याण परिषद् राजस्थान 2. गुर्जर शिक्षा ज्योति खोले गये हैं।

ü  उक्त दोनों खातों का संचालन परिषद् अध्यक्ष, महासचिव एवं कोषाध्यक्ष करेंगे और राशि आहरण करने के लिए उक्त तीनों में से किन्ही दो सदस्यों के हस्ताक्षर आवश्यक होंगे।

ü  राज्य स्तर- गुर्जर अधिकारी कर्मचारी कल्याण परिषद् को प्राप्त दान] सामान्य अनुदान एवं सदस्यता शुल्क उक्त खातों में जमा करवाकर प्रदेश कार्यकारिणी द्वारा निर्धारित कार्यो यथा-विभिन्न प्रतियोगी परीक्षा हेतु कोचिंग] मॉक साक्षात्कार] तैयारी हेतु भौतिक संसाधन उपलब्ध करवाना] आर्थिक सहयोग] भवन/पुस्तकालय] छात्रावास का निर्माण इत्यादि में उपयोग लिया जावेगा। जिसका ब्यौरा परिषद् की वेबसाईट पर भी प्रदर्शित किया जावेगा। 

ü  जिला स्तर- परिषद् के दैनिक कार्यों के संचालन के लिए जिला एवं ब्लॉक स्तर पर भी अपना बैंक खाता खुलवा सकेगी, जिसका नामकरण सम्बन्धित जिला एवं ब्लॉक लगाकर, “गुर्जर कर्मचारी अधिकारी कल्याण परिषद् राजस्थान………..“ (सम्बन्धित जिला एवं ब्लॉक का नाम) किया जा सकेगा और सम्बन्धित जिला एवं ब्लॉक खातों के संचालन के लिए सम्बन्धित जिलों के जिला/ब्लॉक अध्यक्ष, सचिव एवं कोषाध्यक्ष तीनों में से दो अधिकृत होगें।

ü  गुर्जर अधिकारी कर्मचारी कल्याण परिषद् के खाते में मासिक रूप से राशि डलवाने का कार्य क्षेत्रीय शिक्षा दूत करेंगे, जिनका निरीक्षण एवं नियंत्रण सम्बन्धित जिला एवं ब्लॉक अध्यक्षों के माध्यम से होगा। दानदाता द्वारा प्रदान की गई राशि जीकेप की वेबसाईट पर नाम सहित प्रदर्शित की जाएगी ताकि सभी स्वयं ऑनलाईन देख सकेंगे।

ü  किसी विद्यार्थी को राशि का आंवटन/उपयोग जिला कार्यकारिणी की अनुशंषा पर राज्य कार्यकारिणी के अनुमोदन उपरान्त किया जायेगा। जिसकी विस्तृत प्रक्रिया आगे दी गई है। विद्यार्थी का विवरण भी जीकेप की वेबसाईट पर नाम सहित प्रदर्शित किया जाएगा ताकि सभी स्वयं ऑनलाईन देख सकेंगे।

ü  राज्य से जिला/ब्लॉक स्तर तक के प्राप्ति एवं व्यय का हिसाब भी पारदर्शी करने के लिए जीकेप की वेबसाईट पर प्रदर्शित किया जाएगा ताकि सभी स्वयं ऑनलाईन देख सकेंगे।

ü  ऐसे विद्यार्थी जिन्हें गुर्जर अधिकारी कर्मचारी कल्याण परिषद् के खाते से सहयोग किया जाएगा, से अपेक्षित प्रगति की नियमित अन्तराल पर समीक्षा उपरान्त ही आगे सहयोग करने/नहीं करने का निर्णय लिया जायेगा।

ü  प्रत्येक जिला/ब्लॉक स्तर पर प्रतिवर्ष मेधावी विद्यार्थियों का सम्मान समारोह एवं मोटीवेशनल कार्यक्रम सम्बन्धित निकायों द्वारा स्थानीय भामाशाहों के सहयोग से किया जाएगा। जिससे क्षेत्रवार प्रतिभायें उभरकर आयेंगी और सामाजिक सौहार्द्र बढेगा।

ü  स्नातक/स्नातकोत्तर कर चुके विद्यार्थियों की ब्लॉक, जिला एवं राज्य स्तरीय काउंसलिंग कराके राष्ट्रीय धारा में समायोजन हेतु उन्हें विभिन्न व्यावसायिक गतिविधियों हेतु प्रोत्साहित किया जायेगा।

ü  योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए परिषद् के अधिकृत प्राधिकारी (क्षेत्रीय शिक्षा दूत एवं ब्लॉक अध्यक्ष) द्वारा व्यक्तिशः रसीद देकर दान राशि प्राप्त की जाती है। दान राशि 2,000 रूपये से अधिक होने पर ऑनलाईन अथवा चैक से ही स्वीकार्य है। दान राशि का विवरण वेबसाईट पर भी उपलब्ध कराया जाता है।

ü  ’’शैक्षिक उन्नयन अनुदान योजना’’ समाज के मेधावी छात्रों की आर्थिक, बौद्धिक, परामर्शी एवं आवासीय सहायता प्रदान कर, उन्हें सफल बनाने का प्रयास करेगी। यद्यपि गुर्जर समुदाय के छात्रों को MBC वर्ग की राजस्थान व भारत सरकार की विभिन्न छात्रवृत्तियाँ उपलब्ध होती हैं। यथा श्री देवनारायण बोर्ड कल्याण छात्रवृत्ति, महिला योग्यता छात्रवृत्ति, आवश्यक एवं योग्यता छात्रवृत्ति, अनुप्रति योजना, विज्ञान विषयों हेतु डी.एस.टी. नई दिल्ली से इनस्पायर्ड छात्रवृत्ति (80 हजार रूपये प्रति वर्ष) इत्यादि, किन्तु देखा यह गया है कि हमारे विद्यार्थी जानकारी के अभाव में उक्त योजनाओं का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं। इस जानकारी के अन्तराल को GKAP पूरा करेगी और उक्त छात्रवृत्ति प्राप्ति के उपरान्त भी किसी मेधावी विद्यार्थी की धनाभाव के कारण शिक्षा में व्यवधान आएगा तो ऐसे विद्यार्थी को आवश्यकतानुसार अनुसंगिक धनराशि अनुदान ऋण के रूप में उपलब्ध करायेगी, जिसे वह विद्यार्थी अपनी नौकरी लगने या संतोषप्रद व्यवसाय प्रारम्भ करने पर बिना ब्याज वापिस “गुर्जर अधिकारी कर्मचारी कल्याण परिषद्” को आसान किस्तों में लौटा सकेगा।

ü  योजनान्तर्गत अनुदान प्राप्त करने के लिए विद्यार्थी को कोर्स के दौरान लगने वाले सम्पूर्ण खर्चे का ब्यौरा देना होगा और इस अनुमानित खर्चे का लगभग 75 प्रतिशत हिस्सा अनुदान ऋण प्राप्त कर सकेगा।

ü  योजनान्तर्गत अनुदान ऋण जिले से प्राप्त दानराशि का 50 प्रतिशत संबंधित जिले के विद्यार्थियों को तथा शेष 50 प्रतिशत राज्य के किसी भी जिले के मेधावी विद्यार्थियों को प्रदान किया जायेगा।

ü  न्यूनतम 30 प्रतिशत महिला अभ्यर्थियों को अनुदान ऋण प्रदान किया जायेगा।

योजनान्तर्गत अनुदान ऋण ’’मांग व आपूर्ति सिद्वान्त’’ पर दिया जाएगा अर्थात् ’’गुर्जर कर्मचारी अधिकारी कल्याण परिषद्’’ के पास उपलब्ध राशि व मांग के आधार पर प्राथमिकता से निर्णय लिया जायेगा।