Prof. R.K. Gurjar
भारतीय विश्वविद्यालयों में ख्यात लब्ध राजस्थान विश्वविद्यालय में भूगोल विभाग के अध्यक्ष पद से 2016 में सेवानिवृत्त प्रोफेसर रामकुमार गुर्जर ने अपने 35 वर्षीय प्राध्यापन के दौरान भूगोल शास्त्र की भूमि एवं जल की शाखा को सशक्त किया है, जिन्होनें भारतीय थार मरूस्थल में प्रवाहित हुई इन्दिरा गांधी नहर के प्रभाव का आकलन 1980 के दशक में अध्ययन कर न केवल नहरी सिंचाई प्रबन्धन पर कार्य कर भारत में जल भूगोल” विषय पर पहली पुस्तक लिखी जो भारतीय विश्वविद्यालयों के जल से सम्बन्धित पाठ्यक्रमों में सभी जगह पढ़ाई जा रही है।
इसके अतिरिक्त प्रो. गुर्जर ने कृषि पर्यावरण एवं समन्वित ग्रामीण विकास पर दर्जनों पुस्तकें एवं शोध परियोजना पर कार्य किया है। भूगोल के सभी टॉपिकों पर आक की पाठ्य सामग्री हिन्दी जगत में पढ़ी और पढ़ाई जाती है। आपने देश-विदेश के विश्वविद्यालयों में भ्रमण कर विभिन्न शोध पत्र प्रस्तुत किये हैं। भारतीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग से प्रो. गुर्जर को युवा वैज्ञानिक पुरस्कार व भारतीय पर्यावरण विभाग से मेदिनी पुरस्कार भी उनकी रचनाओं पर मिला है और विभिन्न सामाजिक संस्थाओं से आपको शिक्षा रत्न, शिक्षा विभूषण व जल पुरस्कार से भी नवाजा गया है।
वर्तमान में प्रो. गुर्जर विभिन्न शैक्षणिक एवं सामाजिक संस्थाओं के सदस्य के रूप में प्रभावी कार्य कर रहें हैं। इस क्षेत्र में प्रो. गुर्जर राजस्थान में मरूधरा अकादमी (एनजीओ) की स्थापन कर जल-जंगल] जमीन एवं जीवन के संरक्षण पर प्रबन्धन पर क्रान्तिकारी कार्य कर भूगोल जगत का सम्मान बढ़ाया है और आज इस संस्थान के निर्देशन में माहे ग्रुप के रूप में लगभग दस शैक्षिक संस्थान संचालित हो रहे हैं, जो उत्तरी भारत का जाना-माना शैक्षिक संस्थान है। मौसमपुर बहरोड़ जिला अलवर में जन्में प्रो. रामकुमार गुर्जर वर्तमान में माहे ग्रुप के महानिदेशक का कार्य संभाले हुए हैं।